फसल बीमा

फसल बीमा

उद्देश्य
  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के द्वारा कम वर्षा, विपरीत मौसमी परिस्थितियों तथा अन्य प्राकृतिक कारणों जैसे सूखा, बाढ, जलभराव, कीट-व्याधि, प्राकृतिक आग, बिजली गिरना, ओलावृष्टि एवं बेमौसमी वर्षा से फसलों की उपज में होने वाले नुकसान से कृषकों को सुरक्षा प्रदान की जाती है।
निर्धारित प्रीमियम
  • फसलों का बीमा कराने पर खरीफ मौसम हेतु बीमित राशि का 2 प्रतिशत, रबी मौसम हेतु 1.5 प्रतिशत तथा उद्यानिकी एवं वाणिज्यिक फसलों हेतु 5 प्रतिशत प्रीमियम राशि कृषकों द्वारा देय होगी।
पात्रता
  • सभी वे कृषक जिन्होने अधिसूचित क्षेत्र के लिए अधिसूचित फसल की बुवाई की है।
फसलों का बीमा करवाने की प्रक्रिया
  • योजना सभी श्रेणी के कृषकों के लिये स्वैच्छिक है। वित्तीय संस्थानो से फसली ऋण लेने वाले कृषकों को लिखित में खरीफ तथा रबी के लिए नामांकन की अंतिम तिथि से 7 दिवस पूर्व तक बैंक को फसलों का बीमा नही करने हेतु सूचित करना होगा अन्यथा बैंक द्वारा अनिवार्य आधार पर बीमा कर दिया जायेगा।
  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा प्राप्त करने के इच्छुक गैर-ऋणी किसान निकटतम बैंक शाखा/सहकारी समिति/जन सेवा केन्द्र (सीएससी)/पोस्ट ऑफिस/बीमा कंपनी या उनके अधिकृत एजेंट से सम्पर्क कर सकते है या निर्धारित तिथि के अंतर्गत स्वयं राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल http://www.pmfby.gov.in पर आनलाईन आवेदन कर सकते है।
  • गैर-ऋणी किसानों को राज्य सरकार की अधिसूचना के अनुसार नवीनतम जमाबंदी की नकल (पटवारी द्वारा सत्यापित), आधार कार्ड, स्व-प्रमाणित घोषणा पत्र जिसमें खसरा संख्या का कुल क्षेत्र, प्रस्तावित फसल का बुवाई क्षेत्र, मालिक का नाम एवं बीमा हित का प्रकार (स्वयं, परिवार एवं बटाई) अंकित कर प्रस्तुत करना होगा, बैंक पास बुक की कॉपी जिसमें IFSC Code एवं खाता संख्या अंकित हो या खाते की रद्द (Cancelled) चेक, बटाईदार एवं भू-स्वामी की आधारकार्ड की स्व-प्रमाणित प्रति, बटाईदार कृषक होने पर उक्त दस्तावेजों के अतिरिक्त शपथ पत्र एवं राजस्थान का मूल निवास प्रमाणपत्र आदि की प्रति जमा कराना अनिवार्य होगा।
  • फसलों की बुवाई ना कर पाना/बाधित/निष्फल बुवाईः बीमित क्षेत्र में कम वर्षा या अन्य प्रतिकूल मौसमीय परिस्थितियों के कारण फसलों की बुवाई ना कर पाना या बाधित/निष्फल बुवाई से हुई हानि से सुरक्षा प्रदान करना। (केवल खरीफ मौसम की प्रमुख फसलों के लिए क्षेत्रीय दृष्टिकोण के आधार पर )।
  • खड़ी फसल (बुवाई से कटाई तक): सूखा, शुष्क स्थिति (लम्बी सूखा अवधि), बाढ़ जलप्लावन, व्यापक रूप से कीटों व रोगों के प्रभाव, भू-स्खलन, आकाशीय बिजली गिरने के कारण प्राकृतिक आग, तूफान, ओलावृष्टि तथा चक्रवात जैसे रोके ना जा सकने वाले जोखिमों के कारण उपज में नुकसान को आच्छादित करने के लिए व्यापक जोखिम बीमा आवरण प्रदान किया जाता है। (अधिसूचित क्षेत्र आधार पर)
  • फसल कटाई के उपरान्त नुकसानः इस प्रावधान में ओलावृष्टि, चक्रवात, चक्रवाती वर्षा और बेमौसम वर्षा होने की स्थिति में व्यक्तिगत आधार पर खेत में काटकर व फैलाकर/छोटे गठ्ठरों में बांधकर सुखाने हेतु रखी गई फसलों को फसल कटाई के पश्चात् केवल 14 दिनों की अधिकतम अवधि में हानि होने की स्थिति में संरक्षण प्राप्त है।
  • स्थानीय आपदाएं: योजना के तहत स्थानीयकृत जोखिमों/आपदाओं - ओलावृष्टि भूस्खलन, जलभराव, बादल फटने तथा अधिसूचित इकाई अथवा किसी खेत के हिस्से पर आकाशीय बिजली गिरने के कारण प्राकृतिक आग लगने से फसल को होने वाले नुकसान को व्यक्तिगत किसान के खेत के स्तर पर बीमा सुरक्षा प्रदान की गई हैं
अधिसूचित फसलों की सूची

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ के लिए अधिसूचित फसलें

बाजरा, ज्वार, मक्का, मूंग, मोठ ग्वार, चंवला, उडद, अरहर, सोयाबीन, तिल, धान, कपास, एवं मूंगफली बीमा ईकाई क्षेत्र-तहसील/पटवार मंडल
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना रबी के लिए अधिसूचित फसलें गेहूं, जौ, चना, सरसों, तारामीरा, जीरा, धनिया, इसबगोल, मैथी,रबी - मक्का एवं मसूर बीमा ईकाई क्षेत्र-तहसील/पटवार मंडल
2022-23 में जिलेवार अधिसूचित बीमा कंपनी का विवरण

क्र सं

बीमा कंपनी आवंटित जिले
1 एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी ऑफ इण्डिया लि. जयपुर बाडमेर, झुंझूंनू, करौली, उदयपुर, बारां, धौलपुर, हनुमानगढ
2 एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लि. जयपुर चूरू, भीलवाडा, राजसमंद, दौसा, झालावाड, श्रीगंगानगर, अलवर
3 बजाज एलाईंज जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लि. जयपुर अजमेर, जालौर, सवाईमाधोपुर, कोटा
4 यूनिवर्सल सोम्पो जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लि. जयपुर बीकानेर, चित्तौडगढ, सिरोही
5 फ्यूचर जनरली इण्डिया इंश्योरेंस कम्पनी लि. जयपुर बूंदी, जोधपुर, डूंगरपुर
6 रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लि. जयपुर बांसवाडा, नागौर, भरतपुर, जयपुर, पाली, प्रतापगढ़
7 एच.डी.एफ.सी. एर्गो जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लि. जयपुर जैसलमेर, सीकर, टोंक
  • अधिसूचित इकाई में अधिसूचित फसल में उपज में कमी के आधार पर अधिसूचित बीमा कंपनी द्वारा बीमा क्लेम सीधे ही कृषकों के खाते में जमा किये जाने का प्रावधान है।